हथकरघा दिवस पर केंद्रीय मंत्री ईरानी से वीडियो काॅफ्रेस पर दी जानकारी
धर्मशाला, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर कुल्लू जिला के शरण गांव को देश के दस हथकरघा गांव में शामिल किया गया है। नई दिल्ली से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने जानकारी दी है। वहीं उन्होंने ने प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की बधाई देते हुआ कहा कि इससे न केवल हथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ये गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बनेंगे। देश में निफ्ट केंद्रों से भी हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हथकरघा उद्योग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना चाहते हैं, क्योंकि इससे न केवल हथकरघा क्षेत्र की आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद भी उपलब्ध होंगे। केन्दीय मंत्री ने कहा कि हैंडलूम मार्क योजना के लिए आज शुरू की गई मोबाइल ऐप न केवल बुनकरों को सुविधा मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सही हथकरघा उत्पाद भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि माई हैंडलूम पोर्टल उपभोक्ताओं को हथकरघा उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा। शरण गांव में बुनकरों के लिए सुविधा केंद्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश में इस क्षेत्र को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि हम सभी को स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना चाहिए, तभी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्राप्त होगी।
इस अवसर पर हथकरघा निर्यातकों को खरीददारों से जोड़ने के लिए वर्चुअल प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। कांगड़ा जिला के देहरा से वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में लगभग 20 हजार लोग हथकरघा उद्योग से जुड़कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं। हिमाचली शाॅल और टोपी विश्व प्रसिद्ध है। कुल्लू और किन्नौरी शाॅल को भारत सरकार द्वारा हथकरघा संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आरक्षित किया गया है और इन दोनों उत्पादों का पेटेंट करवाया गया है। मुख्यमंत्री ने कुल्लू में धरोहर गांव नग्गर के पास शरण गांव को हथकरघा गांव के रूप में विकसित करने को सहमति देने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार ने 118.63 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं, जबकि राज्य सरकार इसमें 13.40 लाख रुपये का योगदान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को विशेष रूप से कुटीर उद्योग ने विशेषकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी हद तक संभाला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘एक जिला एक उत्पाद’ की अवधारणा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुल्लू, मण्डी और कांगड़ा जिलों में राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 10 हथकरघा समूहों के लगभग 2500 बुनकरों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण कौशल योजना’ के अन्तर्गत बुनकरों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। कुल्लू जिला में 700 से अधिक बुनकर सहकारी समितियां और कुटीर उद्योग काम कर रहे हैं। इस उद्योग में लगभग छह हजार उद्यमी कार्यरत है जिसके अन्तर्गत 150 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार किया जा रहा है।
इस दौरान देश के हथकरघा समूह सहयोगी डिज़ाइनर सहित, देश के सभी 28 डब्ल्यूएससीएस, 6 आइआइएचटीएस, एनडीसी, एचइपीसी और एनआइएफटी, कुल्लू के शिल्प हथकरघा गांव, मुम्बई के वस्त्र समिति, और चेन्नई की वर्चुअल प्रदर्शनी ने इस अवसर पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।